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काल सर्प पूजा

काल सर्प दोष पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो हिन्दू ज्योतिष और आध्यात्मिकता में की जाती है। यह पूजा उस काल सर्प दोष के प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है जो व्यक्ति की जन्म कुण्डली में होता है, जिसे एक अशुभ ग्रहण से संबंधित माना जाता है.

काल सर्प दोष जब किसी के जन्म कुण्डली में राहु और केतु के बीच सभी सप्त ग्रह (सूरज, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) प्लेस होते हैं, तो उसको काल सर्प दोष कहा जाता है. इस दोष का प्रभाव मान्वीय जीवन पर नकारात्मक होता है और व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

काल सर्प दोष पूजा के उद्देश्य होते हैं:

  • काल सर्प दोष के प्रभावों को शांत करना और व्यक्ति के जीवन को सुखमय और समृद्धिपूर्ण बनाना
  • आध्यात्मिक सुरक्षा और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना
  • ग्रहण से संबंधित कठिनाइयों और समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करना
  • पूजा के माध्यम से पूर्वजों के आशीर्वाद प्राप्त करना
  • काल सर्प दोष पूजा में ज्योतिषाचार्य या पंडित विशेष मंत्रों का पाठ करते हैं और विशेष पूजा सामग्री का उपयोग करते हैं. इसके साथ ही उपवास करना, दान देना और समर्पण करना भी सलाह दिया जा सकता है
  • काल सर्प दोष पूजा का मुख्य उद्देश्य है किसी के जीवन को सुखमय और समृद्धिपूर्ण बनाना और काल सर्प दोष के प्रभावों को कम करना है, जिसके चलते व्यक्ति को कठिनाइयों से निकलने में मदद मिल सके
  • कृपया ध्यान दें कि यह पूजा के तरीके और पूजा सामग्री की विशेष विधियाँ ज्योतिषाचार्य और स्थानीय परंपराओं के आधार पर भिन्न हो सकती हैं, इसलिए सही रूप से आयोजित करने के लिए स्थानीय पंडित या ज्योतिषाचार्य की सलाह लें।

आचार्य सागर जी:

आचार्य सागर जी एक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं। पिछले 17 सालों से वह पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. उनके पास विभिन्न पूजाओं के लिए विशेष पंडितों की एक बड़ी टीम भी है। 

पंडित श्री सुनील तिवारी:

पंडित जी द्वारा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, अर्क विवा,ह कुंभ विवाह, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, महामृत्युंजय दोष आदि कुंडली से संबंधित समस्त प्रकार के दोषों का निवारण पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराया जाता है। अभी तक देश विदेश के हजारों व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखमय जीवन भगवान महाकाल के आशीर्वाद से व्यतीत कर रहे हैं।

जय श्री महाकाल जी ।