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काल सर्प क्या होता है ?

काल सर्प एक ज्योतिषीय योग है जिसमें किसी की जन्म कुण्डली में सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) एक स्थान पर एकत्र रहते हैं और यह स्थान राहु (उत्तर चायनी राहु) और केतु (दक्षिण चायनी केतु) के बीच होता है। इसके चलते किसी की जन्म कुण्डली में काल सर्प दोष होता है। काल सर्प दोष के अद्भुत और अनैतिक गुणवत्ता होती है, और इसे व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसे काल सर्प योग, काल सर्प दोष, या सर्पदोष भी कहा जाता है.

यह दोष व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डाल सकता है, जैसे कि करियर, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत जीवन, और रिश्तों में बाधाएं पैदा कर सकता है। इसके प्रभाव की गंभीरता व्यक्ति की जन्म कुण्डली में काल सर्प दोष के प्रकार और स्थिति पर आधारित होती है.

काल सर्प दोष को शांत करने के लिए लोग विभिन्न उपाय और पूजा का आयोजन करते हैं। यह पूजा के रूप में की जाने वाली दिनचर्या होती है, जिसमें विशिष्ट मंत्रों का जप और पूजा सामग्री की अर्पण शामिल होता है, ताकि काल सर्प दोष के असर को कम किया जा सके।

यह मान्यता के आधार पर है और किसी व्यक्ति या उनके ज्योतिषाचार्य के बीच भिन्न हो सकती है। यदि आपकी जन्म कुण्डली में काल सर्प दोष है और आप इसे ठीक करने की सोच रहे हैं, तो एक अच्छे ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेना और व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करना सबसे उपयुक्त होगा।

काल सर्प दोष का नाम "काल सर्प" से आया है, जिसे हिन्दू पौराणिक कथाओं में दो महासर्पों के नामों से लिया गया है - एक है राहु और दूसरा है केतु, जिन्हें चायनी सूर्य और चायनी चंद्र के ग्रहण के परिणामस्वरूप माना जाता है। काल सर्प दोष के प्रभावों को कम करने के लिए लोग विशेष रूप से आयोजित पूजा या अन्य उपाय करते हैं।

काल सर्प दोष पूजा एक विशेष धार्मिक आराधना होती है जो निम्नलिखित तरीके से की जाती है:

ज्योतिषाचार्य से परामर्श: पहले, एक ज्योतिषाचार्य से मिलें ताकि आपकी जन्म कुण्डली में काल सर्प दोष है या नहीं, यह जानने के लिए। दोष की गंभीरता और उसके प्रभाव विभिन्न हो सकते हैं।

शुभ समय का चयन: पूजा को आमतौर पर एक ज्योतिषाचार्य द्वारा सिफारिश की गई शुभ दिन और समय पर आयोजित किया जाता है।

मंदिर का चयन करें: पूजा अक्सर भगवान शिव के समर्पित मंदिर में की जाती है, क्योंकि भगवान शिव को संकटों के दूर करने वाले माना जाता है और वह राहू और केतु से जुड़े हुए हैं।

पूजा सामग्री एकत्र करें: आपको दूध, पानी, हनी, फूल, फल, धूप, नारियल और अन्य पूजा सामग्री की आवश्यकता होगी।

मंत्र और प्रार्थना: पूजा के दौरान पूजारी या ज्योतिषाचार्य विशेष मंत्रों का पठ करेंगे और प्रार्थना करेंगे, जब आप पूजा में भाग ल

आचार्य सागर जी:

आचार्य सागर जी एक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं। पिछले 17 सालों से वह पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. उनके पास विभिन्न पूजाओं के लिए विशेष पंडितों की एक बड़ी टीम भी है। 

पंडित श्री सुनील तिवारी:

पंडित जी द्वारा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, अर्क विवा,ह कुंभ विवाह, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, महामृत्युंजय दोष आदि कुंडली से संबंधित समस्त प्रकार के दोषों का निवारण पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराया जाता है। अभी तक देश विदेश के हजारों व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखमय जीवन भगवान महाकाल के आशीर्वाद से व्यतीत कर रहे हैं।

जय श्री महाकाल जी ।