kaalsarp
kaal-sarp-ke-upae

कालसर्प का उपाय

कालसर्प दोष को हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना जाता है और इसे कालसर्प दोष या राहु-केतु दोष भी कहा जाता है। इस दोष का मुख्य कारण मानव की जन्मकुंडली में राहु और केतु के साथ ग्रहों के दुष्ट स्थिति से संबंधित है। कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने और जीवन को शुभ बनाने के लिए कुछ उपाय हो सकते हैं:

  1. राहु-केतु के मंत्र: राहु और केतु के मंत्रों का जाप करने से कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। "ॐ राहवे नमः" और "ॐ केतवे नमः" इन मंत्रों का नियमित जाप करें।
  2. दान करें: गरीबों को दान देना और अच्छा कर्म करना कालसर्प दोष को शांति प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  3. श्रापित ग्रहों के लिए पूजा: राहु और केतु के पूजा करने से इन ग्रहों के दुष्ट प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  4. रत्न धारण: ज्योतिष शास्त्र में सुझाए गए रत्नों को पहनने से भी कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  5. व्रत और उपवास: आप किसी विशेष दिन पर उपवास करके या किसी व्रत का पालन करके भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
  6. कालसर्प दोष का प्रभाव हर व्यक्ति के लिए अलग होता है, और यह उपाय व्यक्ति की कुंडली और ज्योतिष ग्रंथों के सुझाए गए उपायों पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा, एक प्रस्तावित ज्योतिष के साथ बातचीत करके सही उपायों की जाँच कराना भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

आचार्य सागर जी:

आचार्य सागर जी एक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं। पिछले 17 सालों से वह पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. उनके पास विभिन्न पूजाओं के लिए विशेष पंडितों की एक बड़ी टीम भी है। 

पंडित श्री सुनील तिवारी:

पंडित जी द्वारा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, अर्क विवा,ह कुंभ विवाह, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, महामृत्युंजय दोष आदि कुंडली से संबंधित समस्त प्रकार के दोषों का निवारण पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराया जाता है। अभी तक देश विदेश के हजारों व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखमय जीवन भगवान महाकाल के आशीर्वाद से व्यतीत कर रहे हैं।

जय श्री महाकाल जी ।