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काल सर्प दोष पूजा कैसे होती है

काल सर्प दोष पूजा, ज्योतिष और हिन्दू धर्म के अनुसार किसी की कुंडली में कालसर्प दोष होने पर की जाती है। यह दोष विशेष रूप से राहु और केतु के प्रभाव के कारण होता है, और इसका मान्यता है कि यह दोष व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ और चुनौतियाँ पैदा कर सकता है। काल सर्प दोष पूजा करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. ग्रंथ अध्ययन: पहले तो आपको अपने ज्योतिषशास्त्र या पंडित से अपनी कुंडली के लिए काल सर्प दोष की पुष्टि करवानी होगी।
  2. पंडित का संपर्क: फिर आपको एक ज्योतिष पंडित से मिलना होगा, जो आपको काल सर्प दोष पूजा करने की सलाह देंगे और आवश्यक दिशा और मुहूर्त का सुझाव देंगे।
  3. पूजा सामग्री की तैयारी: आपको पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि दीपक, अगरबत्ती, फल, फूल, नौकरणी, जल, गंगाजल, तुलसी, गणेश और शिवलिंग आदि की तैयारी करनी होगी।
  4. पूजा करना: पंडित के मार्गदर्शन में, आपको काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करनी होगी। इस पूजा में ध्यान और मंत्र जप का भी महत्वपूर्ण भाग होता है।
  5. दान: दान करने का भी महत्व होता है। आपको गरीबों को भोजन देना और अन्य धार्मिक कार्यों में भाग लेना चाहिए।

कृपया ध्यान दें कि काल सर्प दोष पूजा केवल विश्वास पर आधारित होती है और इसके निष्कर्ष निष्कर्ष नहीं होते हैं। आपको इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, और यह सिर्फ ज्योतिष और पंडितों के सलाह पर निर्भर करता है।

आचार्य सागर जी:

आचार्य सागर जी एक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं। पिछले 17 सालों से वह पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. उनके पास विभिन्न पूजाओं के लिए विशेष पंडितों की एक बड़ी टीम भी है। 

पंडित श्री सुनील तिवारी:

पंडित जी द्वारा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, अर्क विवा,ह कुंभ विवाह, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, महामृत्युंजय दोष आदि कुंडली से संबंधित समस्त प्रकार के दोषों का निवारण पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराया जाता है। अभी तक देश विदेश के हजारों व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखमय जीवन भगवान महाकाल के आशीर्वाद से व्यतीत कर रहे हैं।

जय श्री महाकाल जी ।