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काल सर्प

"काल सर्प" (Kaal Sarp) हिंदी में एक ज्योतिष शास्त्र का श्राप है, जिसे कालसर्प दोष भी कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में सर्प योग होता है, जिसमें सभी ग्रह एक ही ओर से सर्प के पीछे होते हैं, और यह दोष व्यक्ति के जीवन में अशुभ प्रभाव डाल सकता है।

कालसर्प दोष का मुख्य प्रभाव यह होता है कि व्यक्ति के जीवन में सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्तर पर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसे ठीक करने के लिए व्यक्ति को विशेष पूजा, व्रत, और उपाय करने की सिफारिश की जाती है, जिनका उद्देश्य कालसर्प दोष को शांत करना होता है।

कृपया ध्यान दें कि ज्योतिष और दोषों के बारे में विभिन्न मतभेद होते हैं, और कुछ लोग इसे मान्यता हैं जबकि दूसरे नहीं मानते हैं।

आचार्य सागर जी:

आचार्य सागर जी एक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं। पिछले 17 सालों से वह पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. उनके पास विभिन्न पूजाओं के लिए विशेष पंडितों की एक बड़ी टीम उज्जैन में है। 

पंडित श्री सुनील तिवारी:

पंडित जी द्वारा कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, अर्क विवाह कुंभ विवाह, वास्तु शांति, नवग्रह शांति, महामृत्युंजय दोष आदि कुंडली से संबंधित समस्त प्रकार के दोषों का निवारण पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराया जाता है। अभी तक देश विदेश के हजारों व्यक्ति लाभान्वित होकर सुखमय जीवन भगवान महाकाल के आशीर्वाद से व्यतीत कर रहे हैं।

जय श्री महाकाल जी ।