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अंगारक दोष
क्या होता है अंगारक दोष ?
अंगारक दोष का निर्माण मंगल का राहु-केतु के साथ होने से बनता है। अंगारक दोष को एक अशुभ योग या दोष माना जाता है। इस दोष का प्रभाव व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियां देता है। जब कुंडली में मंगल और राहु/केतु जिस किसी भी भाव में एक साथ स्थित हों तो उस भाव से संबंधित फलों को कम करने वाले और संबंधित परेशानी बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
अंगारक दोष के कारण उठानी पड़ती है ये समस्याएं ?
जातक की कुंडली में राहु मंगल की युति को अंगारक दोष माना जाता है इसमें व्यक्ति का स्वभाव उग्र होना, मन एकाग्र नहीं होना, शत्रुओं से संबंधित समस्याएं आना, जीवन में स्थिरता ना आना, भूमि संबंधित समस्याओं का सामना करना, उग्र स्वभाव आदि जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
अंगारक दोष का निवारण सम्भव है
यह उपाय ज्योतिषीय सलाह के साथ किए जाने चाहिए। ध्यान दें कि हर कुंडली व्यक्तिगत होती है और उपायों की आवश्यकता उसकी विशेषताओं और परिस्थितियों पर निर्भर करेगी। आपको एक ज्योतिषी से संपर्क करके अपनी व्यक्तिगत स्थिति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहिए।
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